इन परिवारों को नही मिलेगा PM आवास योजना का लाभ, प्रशासन ने आवेदन किए रद्द PM Awas Yojana 2025

प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana – Urban) शहरी गरीबों को पक्का घर दिलाने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। लेकिन हाल ही में हुई जांच में इस योजना के तहत कई फर्जी और अपात्र लोगों के आवेदन सामने आए हैं। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में ऐसे लोगों ने आवेदन किया, जिनके पास पहले से ही पक्का मकान है या जिन्होंने जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। अब प्रशासन ने इस दिशा में सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

100 से अधिक आवेदकों के पास पहले से है पक्का मकान

नगर निगम द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन करने वाले 100 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिनके पास पहले से पक्का मकान मौजूद है। यह योजना सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनके पास खुद का घर नहीं है, ऐसे में इन आवेदकों को अपात्र मानते हुए उनके आवेदन रद्द कर दिए गए हैं।

430 लोगों ने जरूरी दस्तावेज नहीं दिए, अब होगा आवेदन रद्द

जांच में यह भी पता चला कि 430 आवेदक ऐसे हैं जिन्होंने बार-बार सूचना देने के बावजूद आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए। अब प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इन लोगों को और समय नहीं दिया जाएगा और इनके आवेदन भी जल्द ही रद्द किए जाएंगे।

Also Read:
Sona Chandi Ka Bhav 17 अप्रैल दोपहर सोने की कीमत में गिरावट, जाने 24 कैरेट सोने का ताजा भाव Sona Chandi Ka Bhav

तीसरे चरण में मिले थे 973 आवेदन, केवल 343 हुए पात्र

PM Awas Yojana के तीसरे चरण में वर्ष 2023 में नगर निगम द्वारा आवेदन मंगवाए गए थे। इस दौरान कुल 973 लोगों ने आवेदन किया था। लंबी जांच के बाद सामने आया कि केवल 343 लोग ही योजना के पात्र पाए गए हैं। बाकी 600 से अधिक आवेदन या तो फर्जी जानकारी या दस्तावेजों की कमी के कारण रद्द कर दिए गए।

जनवरी 2025 में फिर से आवेदन लिए गए, 1128 नए आवेदन

इस वर्ष जनवरी 2025 में योजना के लिए एक बार फिर से आवेदन मांगे गए। इस बार 1128 लोगों ने आवेदन किया। अब इन नए आवेदनों की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। योजना प्रभारी रोजी मसीह ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही यह तय होगा कि इनमें से कितने लोग पात्र हैं।

अब तक बन चुके हैं 1710 मकान

शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक कुल 1710 मकान बनाए जा चुके हैं। इन सभी लाभार्थियों को सरकार की ओर से चारों किस्तों की राशि दी जा चुकी है, जिससे वे मकान का निर्माण पूरा कर सकें।

Also Read:
PM Awas Yojana Gramin Survey PM Awas Yojana Gramin Survey: पीएम आवास योजना के लिए ग्रामीण सर्वे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू

जिन्होंने निर्माण पूरा नहीं किया, उन्हें किस्त मिलनी बाकी

कुछ लाभार्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने अभी तक मकान निर्माण पूरा नहीं किया है, इसलिए उन्हें दूसरी या तीसरी किस्त नहीं मिल पाई है। नगर निगम ने बताया है कि जैसे ही निर्माण कार्य पूरा होगा, उन्हें बाकी की राशि दी जाएगी। सभी निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है।

86 लोगों ने ली किस्त लेकिन नहीं बनवाया मकान – नोटिस जारी

नगर निगम की रिपोर्ट में 86 ऐसे लाभार्थी सामने आए हैं जिन्होंने योजना की पहली और दूसरी किस्त तो ले ली, लेकिन मकान निर्माण शुरू नहीं किया। इन लोगों को अब नोटिस जारी किया गया है। योजना प्रभारी ने कहा है कि यदि इन लोगों ने जल्द काम शुरू नहीं किया तो उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई की जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY – Urban) का उद्देश्य है कि शहरों में रहने वाले गरीब लोगों को उनका खुद का पक्का घर मिले। इसके तहत सरकार 1.5 लाख से 2.5 लाख रुपये तक की सहायता राशि देती है, जिससे लाभार्थी अपने घर का निर्माण करवा सकें।

पात्रता की मुख्य शर्तें

  • आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए और शहरी क्षेत्र में रहना चाहिए।
  • परिवार की सालाना आय EWS श्रेणी में 3 लाख रुपये से कम और LIG श्रेणी में 3 से 6 लाख रुपये के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदक या उसके परिवार के नाम पर पहले से कोई पक्का मकान नहीं होना चाहिए।
  • महिला मुखिया को प्राथमिकता दी जाती है।
  • आवेदक के पास आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और ज़मीन के दस्तावेज जरूरी हैं।

सरकार का सख्त रुख – केवल सही लोगों को मिलेगा लाभ

नगर निगम द्वारा की जा रही जांच से यह साफ है कि अब सरकार योजना के लाभ को सिर्फ उन्हीं तक सीमित रखना चाहती है, जिन्हें इसकी सच्ची जरूरत है। फर्जी दस्तावेज देने वालों, पहले से मकान रखने वालों और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष:
PM Awas Yojana 2025 का मकसद वाकई में गरीबों को पक्का घर देना है। लेकिन फर्जीवाड़ा और दस्तावेजों की लापरवाही इस योजना को नुकसान पहुंचा सकती है। सरकार की सख्ती का उद्देश्य है कि सरकारी मदद का फायदा सिर्फ जरूरतमंदों को मिले और कोई इसका गलत इस्तेमाल न कर सके।

Leave a Comment